Google guidance AI-generated content
क्या Google AI जेनरेटेड कंटेंट को वैल्यू देता है?” के सवाल का जवाब थोड़ा कॉम्प्लेक्स है। Google का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उच्च-गुणवत्ता, प्रासंगिक और भरोसेमंद सामग्री प्रदान करना है। चलिए इस सवाल को कुछ मुद्दों के माध्यम से समझते हैं:
google कंटेंट की क्वालिटी चेक करता है :
गूगल को ये देखने की चिंता है कि कंटेंट की क्वालिटी कैसी है, ना कि ये कंटेंट किस तरह से जेनरेट हुआ है। अगर एआई द्वार उत्पन सामग्री उपयुक्त, सहायक और उपयोगकर्ता के अनुकूल है, तो Google सकारात्मक रूप से उपयोग रैंक कर सकता है।
मौलिकता:
एआई-जनरेटेड कंटेंट अक्सर जेनेरिक हो सकता है, जिसका मतलब ये है कि ऐसे कंटेंट को कई जगहों पर पाया जा सकता है। Google ओरिजिनल और यूनिक कंटेंट को वैल्यू देता है। अगर एआई-जनरेटेड सामग्री अन्य स्रोतों से डुप्लिकेट है या बहुत समान है, तो वह निम्न रैंक वाला हो सकता है।
गूगल कंटेंट उपयोगकर्ता अनुभव :
आख़िर में, Google ये देखता है कि उपयोगकर्ताओं को सामग्री से कैसा अनुभव मिलता है। अगर एआई-जनरेटेड कंटेंट यूजर्स को फायदेमंद लगे, और यूजर्स हमारे कंटेंट पर ज्यादा समय बिताते हैं, तो वह कंटेंट अच्छी रैंकिंग पा सकता है।
वेबमास्टर दिशानिर्देश:
Google के वेबमास्टर दिशानिर्देश के अनुसार, स्वचालित रूप से उत्पन्न सामग्री को निम्न-गुणवत्ता वाली सामग्री माना जाता है और इसे स्पैमी माना जाता है। लेकिन, यदि एआई-जनरेटेड सामग्री वास्तव में उपयोगी है और उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरा करता है, तब ये दिशानिर्देश आवश्यक रूप से लागू नहीं होंगे।
कंटेंट वैल्यू एडिशन:
गूगल को ये भी मैटर कर्ता है कि आपका कंटेंट वैल्यू ऐड क्या करता है। बस एआई टूल्स से कंटेंट जनरेट करना और प्रकाशित करना बिना यह सुनिश्चित किए कि वह मूल्यवान है, खराब रैंकिंग का कारण बन सकता है।
गूगल सर्च इंजन का मुख्य फोकस
अंत में, एआई-जनरेटेड कंटेंट का उपयोग करने से पहले ये समझना जरूरी है कि आप किस मकसद से उपयोग कर रहे हैं। अगर आप केवल क्वांटिटी जनरेट करने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, बिना गुणवत्ता और उपयोगकर्ता प्रासंगिकता पर ध्यान देते हैं, तो आपको एसईओ रैंकिंग में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।